मोबाइल के दुष्प्रभाव बच्चों पर, जानिए कैसे बचा जा सकता है।
Posted on April 5th, 2025
मोबाइल फोन के बच्चों पर हानिकारक प्रभाव:
1. ट्यूमर (Tumours): मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन बच्चों के दिमाग पर गहरा प्रभाव डाल सकती है, जिससे लंबे समय में ट्यूमर जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं।
2. मस्तिष्क की गतिविधि में गड़बड़ी (Disturbed Brain Activity): लगातार मोबाइल देखने से बच्चों के मस्तिष्क की स्वाभाविक गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं, जिससे वे चिड़चिड़े और असंतुलित हो सकते हैं।
3. नींद में बाधा (Sleep Disruption): मोबाइल स्क्रीन की ब्लू लाइट बच्चों की नींद को प्रभावित करती है, जिससे उन्हें नींद न आना या नींद में रुकावट जैसी समस्याएँ होती हैं।
4. पढ़ाई से ध्यान भटकना (Distraction from Studies): मोबाइल गेम्स और सोशल मीडिया के कारण बच्चे पढ़ाई से ध्यान हटाकर अपना अधिक समय स्क्रीन पर बिताने लगते हैं।
5. मोटापा और अन्य बीमारियों का खतरा (Risk of Obesity & Other Illnesses): मोबाइल के ज्यादा उपयोग से बच्चों की शारीरिक गतिविधियाँ कम हो जाती हैं, जिससे मोटापा और उससे जुड़ी बीमारियाँ हो सकती हैं।
6. गलत सामग्री के संपर्क में आना (Early Exposure to Inappropriate Content): इंटरनेट पर मौजूद अनुचित सामग्री बच्चों के मानसिक विकास को गलत दिशा में ले जा सकती है।
आइए जानते है बच्चों को मोबाइल के दुष्प्रभाव से कैसे बचाएं:
समय की सीमा तय करें: बच्चों को मोबाइल उपयोग के लिए एक सीमित समय दें, जैसे दिन में केवल 30 मिनट।
बदलावपूर्ण गतिविधियाँ कराएं: उन्हें खेल, चित्रकला, पजल्स, या किताबें पढ़ने जैसी रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करें।
पैरेंटल कंट्रोल का उपयोग करें: मोबाइल में पैरेंटल कंट्रोल सेटिंग्स लगाएं ताकि बच्चे अनुचित सामग्री न देख सकें।
स्वयं उदाहरण बनें: यदि माता-पिता स्वयं मोबाइल का सीमित उपयोग करेंगे, तो बच्चे भी उसे अपनाएँगे।
स्क्रीन-फ्री समय तय करें: भोजन के समय, सोने से पहले और परिवार के साथ समय बिताने के दौरान मोबाइल को दूर रखें।
निष्कर्ष:
मोबाइल फोन सुविधाजनक तो हैं, लेकिन बच्चों के लिए इनका अत्यधिक उपयोग गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है। अभिभावकों को सजग रहते हुए बच्चों की मोबाइल आदतों पर नियंत्रण रखना चाहिए और उन्हें संतुलित जीवन शैली की ओर प्रेरित करना चाहिए।